[INDOLOGY] pAnIya and buDana
Nityanand Misra
nmisra at gmail.com
Mon Sep 5 00:43:48 UTC 2016
On 3 September 2016 at 18:27, Madhav Deshpande <mmdesh at umich.edu> wrote:
> For what it is worth, the verb buḍaṇe in Marathi has the sense of drowning
> in water, and this is cognate with the Hindi verb ḍūbnā. It is possible
> that buḍana in this Tājik text is a vernacular word in the sense of
> drowning in water as one of the dangers.
>
> Madhav Deshpande
>
>
>
In Awadhi, the word बूड़ with the retroflex flap also means to drown. It is
commonly used in the Ramacharitamanasa (composed c. 1574-76) and the
following instances are some examples from the epic:
1_261_00_SRTH_2 बूड़ सो सकल समाज चढ़ा जो प्रथमहिं मोह बश॥
1_299_07_CPAI_1 जे जल चलहिं थलहिं की नाई। टाप न बूड़ बेग अधिकाई॥
2_086_03_CPAI_1 मनहुँ बारिनिधि बूड़ जहाजू। भयउ बिकल बड़ बनिक समाजू॥
2_149_01_CPAI_1 भूप सुमंत्र लीन्ह उर लाई। बूड़त कछु अधार जनु पाई॥
2_154_07_CPAI_1 धीरज धरिय त पाइय पारू। नाहिं त बूड़िहि सब परिवारू॥
2_184_00_DOHA_2 शोक सिंधु बूड़त सबहिं तुम अवलंबन दीन्ह॥
2_232_02_CPAI_1 गोपद जल बूड़हिं घटजोनी। सहज छमा बरु छाड़ै छोनी॥
2_286_07_CPAI_1 चिरजीवी मुनि ग्यान बिकल जनु। बूड़त लहेउ बाल अवलंबनु॥
5_014_02_CPAI_1 बूड़त बिरह जलधि हुनुमाना। भयहु तात मो कहँ जलयाना॥
6_003_08_CPAI_1 बूड़हिं आनहिं बोरहिं जेई। भए उपल बोहित सम तेई॥
6_022_06_CPAI_1 देखी नयन दूत रखवारी। बूड़ि न मरहु धर्म ब्रतधारी॥
6_026_03_CPAI_1 जासु परशु सागर खर धारा। बूड़े नृप अगनित बहु बारा॥
6_028_03_CPAI_1 मम भुज सागर बल जल पूरा। जहँ बूड़े बहु सुर नर शूरा॥
7_005_10_HRGT_4 बूड़त बिरह बारीश कृपानिधान मोहि कर गहि लियो॥
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