On 3 September 2016 at 18:27, Madhav Deshpande <mmdesh@umich.edu> wrote:
For what it is worth, the verb buḍaṇe in Marathi has the sense of drowning in water, and this is cognate with the Hindi verb ḍūbnā.  It is possible that buḍana in this Tājik text is a vernacular word in the sense of drowning in water as one of the dangers.

Madhav Deshpande



In Awadhi, the word बूड़ with the retroflex flap also means to drown. It is commonly used in the Ramacharitamanasa (composed c. 1574-76) and the following instances are some examples from the epic:

1_261_00_SRTH_2 बूड़ सो सकल समाज चढ़ा जो प्रथमहिं मोह बश॥
1_299_07_CPAI_1 जे जल चलहिं थलहिं की नाई। टाप न बूड़ बेग अधिकाई॥
2_086_03_CPAI_1 मनहुँ बारिनिधि बूड़ जहाजू। भयउ बिकल बड़ बनिक समाजू॥
2_149_01_CPAI_1 भूप सुमंत्र लीन्ह उर लाई। बूड़त कछु अधार जनु पाई॥
2_154_07_CPAI_1 धीरज धरिय त पाइय पारू। नाहिं त बूड़िहि सब परिवारू॥
2_184_00_DOHA_2 शोक सिंधु बूड़त सबहिं तुम अवलंबन दीन्ह॥
2_232_02_CPAI_1 गोपद जल बूड़हिं घटजोनी। सहज छमा बरु छाड़ै छोनी॥
2_286_07_CPAI_1 चिरजीवी मुनि ग्यान बिकल जनु। बूड़त लहेउ बाल अवलंबनु॥
5_014_02_CPAI_1 बूड़त बिरह जलधि हुनुमाना। भयहु तात मो कहँ जलयाना॥
6_003_08_CPAI_1 बूड़हिं आनहिं बोरहिं जेई। भए उपल बोहित सम तेई॥
6_022_06_CPAI_1 देखी नयन दूत रखवारी। बूड़ि न मरहु धर्म ब्रतधारी॥
6_026_03_CPAI_1 जासु परशु सागर खर धारा। बूड़े नृप अगनित बहु बारा॥
6_028_03_CPAI_1 मम भुज सागर बल जल पूरा। जहँ बूड़े बहु सुर नर शूरा॥
7_005_10_HRGT_4 बूड़त बिरह बारीश कृपानिधान मोहि कर गहि लियो॥